हड़प्पा सभ्यता का काल
हड़प्पा सभ्यता की काल को लेकर विभिन्न विद्वानों में मतभेद
है विभिन्न विद्वानों ने इस सभ्यता का काल निम्नानुसार निर्धारित किया है|
विद्वान |
काल |
सर जॉन मार्शल |
3250-2750 ई. पू. |
अर्नेस्ट मेक |
2800-2500 ई.
पू. |
माधव स्वरूप
वर्क्स |
2700-2500 ई.
पू. |
राधा कमल
मुखर्जी |
3200-2750 ई.
पू. |
आई एम व्हीलर |
2500-1750 ई.
पू. |
डी वी ए स्मिथ |
2500-1500 ई.
पू. |
रेडियो कार्बन
विधि |
2500-1750 ई.
पू. |
इनमें से कार्बन 14 विधि एवं डीलर द्वारा निर्धारित हड़प्पा
सभ्यता की तिथि 2500-1750 ई. पू. अधिकांश लोगों द्वारा मारने की गई है|
इस काल का समर्थन डी. पी. अग्रवाल ने किया है|
अलग-अलग विद्वानों ने अलग-अलग विचार दिए इसीलिए 2500-1700 ई. पू. इसका का
काल मुख्य रूप से माना जाता है|
कार्बन-14 विधि- तिथि निर्धारण की
वैज्ञानिक विधि को कार्बन-14
विधि कहा जाता है
| इस विधि की खोज अमेरिका के प्रख्यात रसायनशास्त्री बी. एफ. लिवि द्वारा सन 1946 में की गई थी | इस
विधि के अनुसार किसी भी जीवित वस्तु में C-12 एवं C-14
समास मात्रा में
पाया जाता है | मृत्यु अथवा विनाश की अवस्था में कार्बन-12 तो स्थिर रहता है
मगर कार्बन-14 का निरंतर क्षय होने लगता है | कार्बन का अर्ध-आयु काल 5568 +- 30 वर्ष होता है
अर्थात इतने वर्षों में उस पदार्थ में कार्बन-14 की मात्रा आधी रह जाती है | इस
प्रकार वस्तु के काल की गणना की जाती है | जिस पदार्थ में कार्बन-14 की मात्रा जितनी
कम होगी वह उतना ही प्राचीनतम माना जाता है | पदार्थों में कार्बन-14 के क्षय की
प्रक्रिया को रेडियोधर्मिता कहा जाता है |
Post a Comment
Post a Comment