The Earth by H. E. Bates || The Earth summary in Hindi

 

The Earth

H. E. Bates

Summary in Hindi

जॉनसन
जॉनसन पट्टेधारी काश्तकार था । उसका चार एकड़ का धरती का टुकड़ा था जिस पर वह सब्जियाँ आदि उगाता था । उसके पास एक हल
, दो पहिया गाड़ी , एक घोड़ी और औजार थे । इनमें से , धरती सबसे महत्त्वपूर्ण थी क्योंकि बिना धरती के शेष सब वस्तुएँ बेकार थीं । वह परिश्रमी न था । धरती की उपज बहुत कम होती थी । परन्तु जॉनसन को विश्वास था कि ईश्वर जिसने धरती बनाई है, वह ही इसका ध्यान रखेगा । उसे आशा थी कि किसी दिन धरती की अनुवर्तता दूर हो जाएगी । वह स्थानीय प्रचारक रह चुका था । उसे छोटे गिरजाघरों में लोगों से बातें करना अच्छा लगता था । उसे लोगों से सब जगह बातें करना अच्छा लगता था ।
बेंजी
जॉनसन का बेंजी नाम का बेटा था । उसके बड़े-बड़े हाथ-पाँव थे । उसके चेहरे पर गहरे सफेद बाल थे । उसकी नीली आँखें थीं और चेहरे पर अबोध मुस्कान रहती थी । परन्तु वह पागला या मन्द बुद्धि न था । वह स्कूल में गया और अन्य बच्चों की भाँति पढ़ना
, लिखना और गिनना सीख गया । परन्तु जॉनसन का विश्वास था कि बेंजी अल्पबुद्धि है । वह अन्य बच्चों की भाँति न था । इसलिए वह उसे डॉक्टर के पास ले गया । डॉक्टर ने जॉनसन को सलाह दी कि वह बेंजी को करने के लिए कोई काम दे दे । इससे वह व्यस्त रहेगा और उसके दिमाग के विकास में सहायता मिलेगी ।
बेंजी मुर्गियाँ पालता है
बेंजी के पिता ने खेत के कोने में तारों का दड़बा बना दिया । उसे कुछ मुर्गियाँ दे दी । ज्योंही बेंजी स्कूल से लौटता था वह मुर्गियों के पास जाता था । वह उन्हें रोटी के टुकड़े और बीजदार पत्तागोभी और मकई खिलाता था । वह यह समझता था कि मुर्गियाँ अंडे देती हैं जो घर के पीछे फेरी वालों के पास बेचे जा सकते थे ।
धन की बचत
जो धन उसके माता-पिता को अंडे बेच कर प्राप्त होता था
, उसे एक चिलमची में डाल दिया जाता था । उसके माता-पिता ने उसे बताया कि जब काफी धन हो जाएगा तो वे उसे बैंक में डाल देंगे, और बैंक ब्याज देगा । जब वह इक्कीस वर्ष का होगा तो सारा धन उसे मिल जाएगा । उन्होंने उससे पूछा कि क्या वह यह समझता है । उसने सिर हिला कर उत्तर दिया कि वह समझता था।

बेंजी व्यापार बढ़ाता है
जब बेंजी चौदह वर्ष का हुआ तो उसने स्कूल छोड़ दिया । तब उसके पास लगभग पचास मुर्गियों व इतनी ही पठोर थीं जो लगभग
200 अंडे प्रति सप्ताह देती थीं । अब वह अंडे बेचने नगर में जाता था । धन बैंक में जाता था । इस बीच बेंजी ने पढ़ा कि मुर्गियों की नस्लों को अलग-अलग रखना अच्छा रहता है । उसे यह भी पता लगा कि मुर्गियों को हवा और व्यायाम और सोने के लिए साफ-सुथरी जगह चाहिए । उसने और दड़बे बनाए और मुर्गियों की नस्लों को अलग-अलग किया । उसके पिता ने उसे दड़बे बनाने के लिए खेत की एक पट्टी दे दी । वह अपना कारोबार बढ़ाता चला गया ।
बेंजी को पासबुक दी जाती है
अब बेंजी इक्कीस वर्ष का हो गया था । उसके माता-पिता ने एक साधारण-सा-उत्सव मनाया और भाषण दिया । फिर उसने बैंक की पासबुक बेंजी को दे दी । बेजी ने पासबुक खोल कर उसमें धन राशि देखी । उसमें दो सौ तीस पौंड थे । बेंजी बिना कुछ कहे पासबुक जेब में रख ली । उसके माता-पिता को दुख और निराशा हुई । उन्हें आशा थी कि बेंजी उनका धन्यवाद करेगा और जो धन उन्होंने बचाने में सहायता की थी उसे उनके साथ बाँटने के लिए तैयार होना व्यक्त करेगा । परन्तु उन्होंने उसे क्षमा कर दिया क्योंकि वह समझते थे कि वह अल्पबुद्धि है और इन बातों को नहीं समझता था ।
बेंजी धरती खरीदता है
बेंजी ने अपने माता-पिता को बताया कि वह धरती खरीदेगा । उनका पड़ोसी धरती बेच रहा था। उसने वह धरती खरीद ली और उस पर और अधिक मुर्गी घर बना लिए । अब वह सम्पत्ति वाला बन गया था ।
बेंजी अपने पिता की धरती खरीदता है
बेंजी का पिता 40 वर्ष से पट्टेधारी कृषक था । धरती सेन्डर्ज की थी जिसने उससे कहा कि या तो वह धरती मोल ले ले या खाली कर दे । जॉनसन के पास धन न था । इसलिए उसने धरती खाली करने की सोची । फिर सेन्डर्ज ने उसे बताया कि बेंजी धरती खरीद लेगा यह आश्चर्य जनक व प्रसन्नता की खबर थी । उन्होंने बेंजी से पूछा कि वह धरती का क्या करेगा? उसका सीधा सादा उत्तर था कि उसमें और अधिक अंडे सेने की मशीनें लगाएगा । उसके मन में अपने पिता के बारे में कोई योजना न थी । उन्हें एक बार फिर दुख और निराशा हुई । परन्तु उन्होंने उसे फिर क्षमा कर दिया क्योंकि वह अल्पबुद्धि आदमी था । अब वह चालीस वर्ष का हो गया था । नगर के उस ओर उसका सबसे बड़ा मुर्गीखाना था । वह मोटा भी हो गया था । देखने में वह धूर्त लगता था ।


बेंजी फ्लोरेन्स से विवाह करता है
अब बेंजी के पास काम करने के लिए कई कर्मचारी थे । उनमें से एक फ्लोरेन्स नाम की लड़की थी । वह मुर्गीखाना साफ करती थी । वह मोटी छोटी टाँगों और कभी बन्द न होने वाले होठों वाली कुरूप युवती थी । उसने उससे विवाह करने का निश्चय किया क्योंकि वह उसकी मुर्गियों के काम में सहायता कर सकती थी ।
फ्लोरेन्स और बेंजी की माँ के बीच सम्बन्ध
बेंजी के माता-पिता को फ्लोरेन्स पसन्द न थी । जब वह बेंजी की पत्नी बनकर घर में आई, तो उन्हें आगे का बेडरूम उसके लिए खाली करना पड़ा । परन्तु बेंजी की पत्नी और उसकी माँ के बीच सम्बन्ध कटु थे । उसके पश्चात बेंजी के माता-पिता और बेंजी और उसकी पत्नी घर के अलग-अलग भागों में रहने लगे । परन्तु शाँति न थी । अन्त में बेंजी ने अपने माता-पिता को वहाँ से छोड़ कर चले जाने के लिए कह दिया । बेंजी क्रोध से पागल हो गया था । उसके माँ-बाप डर गए । उन्होंने उससे कहा कि वे चले जाएंगे । परन्तु वे अब भी मानते थे कि बेंजी अल्पबुद्धि था और अपने कर्मों को न समझ सकता था ।
अलगाव
बेंजी के माता-पिता ने किराए के घर में नगर में रहने का निश्चय किया । अब बेंजी धनी बन गया था और उसके पास फोर्ड की वैन थी । वह अपने माता-पिता को उसमें बिठाकर नगर ले गया । वे दुख से स्तम्भित चुपचाप बैठे रहे । बेंजी ने कोई भावना व्यक्त न की । जब वे अपने स्थान पर पहुँच गए तो उसके माता-पिता उतर गए । बेंजी न उतरा । बेंजी ने उनसे कहा कि किराए के मकान में अलग रहकर वे अच्छे रहेंगे । फिर वह वैन चलाकर चला गया । अब माता-पिता अकेले रह गए । उनके पास कुछ न था । उनकी धरती और उनकी सम्पत्ति सब समाप्त हो गई थी ।

 

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